जतमई घटारानी मंदिर छत्तीसगढ़ के मध्य में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो जतमई माता को समर्पित है। यह मंदिर देवी दुर्गा के एक रूप को पूजता है और इसकी प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को आकर्षित करती है। यह स्थल धार्मिक दर्शन के साथ-साथ एक आदर्श पिकनिक स्पॉट भी है।
गंगरेल डेम के तट पर स्थित ओना-कोना, बालोद जिले का एक खूबसूरत गांव है। यह राजधानी रायपुर से लगभग 105 किलोमीटर दूर है। यहां की हरियाली, शांति और ओना-कोना शिव मंदिर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। इसे गंगरेल का अंतिम छोर भी माना जाता है, जहां आप शांति और प्राकृतिक सौंदर्य का पूरा अनुभव कर सकते हैं।
मैनपाट, जिसे ‘छत्तीसगढ़ का शिमला’ भी कहा जाता है, अपनी हरी-भरी पहाड़ियों और अद्भुत प्राकृतिक दृश्य के लिए प्रसिद्ध है। यहां के टाइगर प्वाइंट, मेहता पॉइंट और जलजली जैसे स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। मैनपाट का अनुभव आपको यहां की अपूर्व प्राकृतिक सुंदरता और शांति से रूबरू कराएगा।
चित्रकोट जलप्रपात के पास स्थित सतरंगा जलाशय पर आयोजित वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियां आपको एक शानदार अनुभव देती हैं। यह स्थान उन लोगों के लिए आदर्श है, जो एडवेंचर और पानी के खेलों का आनंद लेना चाहते हैं।
छत्तीसगढ़ का सबसे प्रसिद्ध जलप्रपात, चित्रकोट जलप्रपात, जिसे ‘छत्तीसगढ़ का नायग्रा’ भी कहा जाता है, एक बेहतरीन पर्यटन स्थल है। यह जलप्रपात अपनी विशालता और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है और पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
भोरमदेव का मंदिर और आसपास का क्षेत्र भी एक आकर्षक पर्यटन स्थल है। यहां की ऐतिहासिक महत्ता और मंदिर की स्थापत्य कला आपको मंत्रमुग्ध कर देगी।