1. केंद्रीय विद्यालय
सबसे पहले नंबर पर आते हैं केंद्रीय विद्यालय (Kendriya Vidyalaya). ये स्कूल केन्द्रीय विद्यालय संगठन के द्वारा चलाया जाता है. इन स्कूलों की कमान भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के पास होती है. भारत में इस समय कुल 1250 केन्द्रीय विद्यालय हैं. इसके अलावा काठमांडू, मॉस्को और तेहरान में भी एक-एक केन्द्रीय विद्यालय मौजूद हैं. यहां स्टूडेंट्स के एडमिशन एंट्रेंस टेस्ट व लॉट्री सिस्टम के जरिए होते हैं.
2. राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय
इसके बाद आते हैं राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय (Rajkiya Pratibha Vikas Vidyalaya). ये स्कूल दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय द्वारा चलाए जाते हैं. यहां हर साल एडमिशन के लिए एंट्रेंस टेस्ट आयोजित किए जाते हैं. बता दें कि एंट्रेंस टेस्ट के जरिए केवल कक्षा 6 और कक्षा 11 में ही एडमिशन दिया जाता है. इसके अलावा एक बात और जानने वाली है कि साल 2021-22 से राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय (RPVV) का नाम बदलकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस (SoSE) कर दिया गया है.
3. जवाहर नवोदय विद्यालय
देश भर में तीसरे नंबर पर आते हैं जवाहर नवोदय विद्यालय (Jawahar Navodaya Vidyalaya). ये पूरी तरह से आवासीय और सह-शिक्षा स्कूल हैं. इन्हें स्वायत्त संगठन द्वारा चलाया जाता है. इन स्कूलों में कक्षा 6 से कक्षा 12वीं तक की पढ़ाई होती है. इसके अलावा ये विद्यालय केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से संबद्धि होते हैं. यहां कक्षा 6, 7 और 8 के छात्रों को फ्री में पढ़ाया जाता है. जबकि कक्षा 9वीं से 600 रुपये प्रति माह की फीस ली जाती है.
4. स्कूल ऑफ एक्सिलेंस, दिल्ली
अब बारी आती है दिल्ली के स्कूल ऑफ एक्सलेंस (Delhi School of Excellence) की, जिसे दिल्ली सरकार द्वारा चलाया जाता है. दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने ऐसे 100 स्कूल बनाने का वादा किया है. हालांकि, अभी राजधानी में केवल 5 स्कूल ऑफ एक्सलेंस हैं. यहां नर्सरी से कक्षा 12वीं तक की पढ़ाई कराई जाती है. यहां एडमिशन छात्रों को उनकी योग्यता के अनुसार ही मिलता है. दिल्ली में मौजूद 5 स्कूल ऑफ एक्सलेंस, रोहिणी सेक्टर 17 और सेक्टर 23, खिचड़ीपुर, कालकाजी, मदनपुर खादर और द्वारका सेक्टर 22 में हैं.
5. सैनिक स्कूल
अब आते हैं सैनिक स्कूल (Sainik School). ये सभी स्कूल भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा स्थापित की गई सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा चलाए जाते हैं. इन स्कूलों की शुरुआत साल 1961 में कि गई थी. भारत के तत्कालीन रक्षा मंत्री वी. के. कृष्णा मेनन ने ही 1961 में इस स्कूल को शुरू करने का निर्णय लिया था. बता दें कि पहले इन स्कूलों में केवल लड़कों को ही एडमिशन दिया जाता था, लेकिन 2021 -2022 से लड़कियों को भी कक्षा 6 में एडमिशन दिया जाता है.