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भयादोहन : पहाड़ी कोरवा को नौकरी जाने का भय दिखाकर 7.30 लाख हड़प गए गुरूजी

कोरबा। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र का ओहदा रखने वाले पहाड़ी कोरवा को संविधान से यह सम्मान इसलिए है, ताकि उन्हें आदिम युग से समाज की मुख्य धारा में लाया जा सके। शासन की इस मंशा के विपरीत उनके भोलेपन का फायदा उठाकर एक सरकारी शिक्षक उसे ब्लैक मेल करता रहा। अपने ही स्कूल में भृत्य की नौकरी छीन लेने का डर दिखाकर उससे पैसे खाता रहा। इस पर भी लालच की भूख न मिटी तो उस शिक्षक ने कोरवा के नाम पर दो दो बार बैंक से लोन निकलवा लिया और कुल 7.30 लाख रुपए भी हजम कर गया। कोरवा ने कलेक्टर के समक्ष लिखित  शिकायत पेश कर न्याय की गुहार लगाई है।

संरक्षित आदिवासियों में शामिल पहाड़ी कोरवा के भयादोहन कर लाखों रुपए ठगने का यह मामला शासकीय माध्यमिक शाला देवपहरी का है। यहां रहने वाले सुंदर साय पहाडी कोरवा पिता जग्गू राम कोरवा मिडिल स्कूल देवपहरी मे भृत्य है। उसने लिखा है कि बीच बीच में स्कूल नही जाने के कारण स्कूल में पदस्थ करम गुरुजी ने उसके खिलाफ अधिकारियों से बड़ी शिकायत होने का डर दिखाया।

सुंदर साय का कहना है कि उस ने शिक्षक ने अपनी नौकरी  बचाने मदद मांगी। इस पर करम गुरुजी ने उसकी शिकायत को दबवा देने के लिए पैसे की मांग की। इसके बाद शिक्षक उसे बैंक ले गया और 4 लाख 50000 लोन निकलवाया। इस पैसे से भृत्य को 2 लाख 10000 दे कर बाकी रकम यानी 2 लाख 40000 लोन वाले साहेब को देने में खर्च हो गया कहकर खुद रख लिया। इसके  2-4 माह बाद शिक्षक ने कहा कि मामला रफा दफा करने बडे अधिकारी पैसा मांग रहे है। यह कहकर फिर पैसे मांगे। कोरवा ने पैसा नही होने की बात कही तो शिक्षक ने अपनी जेब से साहब के लिए दे देने और बाद में पूरी रकम ब्याज सहित वापस करने का प्रस्ताव दिया। नौकरी बच जाने की उम्मीद पर भृत्य मान गया। इसके कुछ दिन बाद से शिक्षक सुंदर साय से बार बार मांगने लगा और उस पर यह कहकर दबाव डालने लगा कि मेरा पैसा दे नही तो तुझे नौकरी से निकलवा दूंगा।

 

दोबारा लोन लिया और दस्तखत करा कर रखे ब्लैंक चेक से निकाल ली रकम

सुंदर साय ने रूपए नही है तो शिक्षक ने फिर से बैंक से लोन निकालने की बात कही। नौकरी छिन जाने के डर से सुंदर साय मान गया और उसके नाम से 25 मार्च 2021 को 6 लाख 50000 लोन निकलवाया गया। इस पैसे में सुंदर साय को 1 लाख 60000 रूपए देकर शिक्षक ने उस से 4 कोरा चेक में दस्तखत कराकर रख लिए। कारण पूछने पर शिक्षक ने लोन लेने के लिए जरूरी बताते हुए उसे गुमराह कर दिया। सुंदर साय का कहना है कि बाद में जब वह रकम निकालने बैंक गया तो पता चला कि उसका खाता खाली है। जानकारी लेने बैंक प्रबंधन ने बताया कि चेक से एक बार 140000 फिर 83500 फिर 100000 कुल तीन बार में पूरी रकम उन्हीं कोरे चेक से पहले ही निकाली जा चुकी थी। सुंदर साय का कहना है कि उसके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। उसने निवेदन किया है कि करम गुरू जी के द्वारा जो पैसा ठगा गया, उसे वापस दिलाने की कृपा करें। उसने यह भी लिखा है कि उसकी नौकरी में जो भी गलती उससे हुई है तो वह उसकी सजा भुगतने को तैयार है। गलती न हुई हो तो करम गुरु जी पर जांच कर कार्यवाही करने की मांग सुंदर साय ने जिला प्रशासन से की है।

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