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नाग रस’, विदेशी लड़कियां और रेव पार्टी… तिलस्मी है नशे की काली दुनिया, जिससे जुड़ा एल्विश यादव का नाम!

न्यूज डेस्क । जैसे-जैसे रात गहरी होती जाती है, भीड़ जुटती जाती है. रात के अंधेरे में सजती है रेव पार्टी की महफिल. अपनी एक रात को रंगीन करने के लिए शहर भर के अमीरजादे जुटते हैं. इनकी अय्याशियों के लिए लाया जाता है वो सामान जिसकी कल्पना करने पर भी सिहरन दौड़ जाए. सांप, अजगर, कोबरा, बिच्छू, कोकेन, हेरोइन और विदेशी लड़कियां. सच कहा जाए तो ऐसी महफिलों में नशे का पूरा कॉकटेल तैयार किया जाता है.

नोएडा रेव पार्टी में सांपों और जहर के इस्तेमाल को लेकर बिग बॉस विजेता यूट्यूबर एल्विश यादव सहित छह लोगों के खिलाफ पुलिस जांच चल रही है. इनके खिलाफ इल्जाम इतने संगीन हैं कि अच्छे से अच्छा नशा भी एक झटके में हिरन हो जाए. एल्विश यादव पर आरोप है कि वो इन पार्टियों के लिए सांपों के जहर का इंतजाम करवाते थे. वो इस तरह के एक गिरोह से भी जुड़े हैं. हालांकि अभी इस मामले में पुलिस जांच जारी है.

यह केस सामने आने के बाद आम लोगों के मन में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर रेव पार्टी में सापों का क्या काम? आखिर सांपों से नशा कैसे हो सकता है? फिर सापों के जहर का इस्तेमाल नशे के लिए कैसे किया जाता है? वैज्ञानिकों के अनुसार, सांप का जहर शराब की तरह नशा पैदा नहीं करता है बल्कि यह नर्वस सिस्टम पर असर करता है. सांप के जहर से शरीर में कई अलग लक्षण दिखाई देते हैं जिसे नशा माना जाता है.

सांप के जहर का असर 6-7 दिनों तक रहता है. दुनियाभर में ऐसे कई ड्रग का चलन बढ़ रहा है जो अल्कोहल एडिक्शन को बढ़ाते हैं. सांप का जहर भी इसी कैटेगरी में आता है. सांप के जहर का नशा करने से पहले उसको केमिकल का इंजेक्शन दिया जाता है. नशा लेने वाला खुद को सांप से होंठ और जीभ पर कटवाता है. ऐसा करने से उन्हें किक मिलता है. जहर में मौजूद न्यूरोटॉक्सिन्स नर्वस सिस्टम पर असर डालता है.

नशे की काली दुनिया इतनी अजीब और तिलस्मी है कि इसमें कुछ भी मुमकिन है. लोग सिर्फ एक किक पाने के लिए ना सिर्फ सांपों का जहर डिंक्स में मिला कर पीते हैं, बल्कि कुछ तो इतने भयानक नशे के आदी होते हैं कि वो जहरीले सांपों से खुद को डसवा लेते हैं. दिल्ली एनसीआर में होने वाली रेव पार्टीज, इनमें होने वाले सांपों के जहर के इस्तेमाल और इनसे सेलिब्रिटीज के नाम जुड़ने से ये चर्चा जोर पकड़ चुकी है.

भारत में पाए जाने वाले तमाम सापों में सिर्फ 30 फीसदी ही ऐसे होते हैं, जो जहरीले हैं. सांपों में आम तौर पर दो तरह के जहर पाए जाते हैं, न्यूरोटॉक्सीन और हिमोटॉक्सीन. ये जहर दिमाग पर सीधा असर डालता. सांपों के काटने से इंसान को पैरालिसिस अटैक आने से लेकर खून जमने और हार्टफेल होने की शिकायत हो सकती है. मुंबई और मंगलुरू समेत देश के कई शहरों में सांप के जहर के एडिक्शन के मामले सामने आ चुके हैं.

भारत में नशे के लिए सबसे ज्यादा कोबरा के जहर का इस्तेमाल किया जाता है. अमीर लोगों के बीच ये ट्रेंड लगातार जोर पकड़ता जा रहा है. जिन्हें कोबरा के जहर का नशा होता और ये खुद को कोबरा से कटवाते थे. नशे के आदी उनसे अपनी जीभ पर डसवाते हैं. ये नशा कई दिनों तक रहता है. पुलिस जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि इंदौर में कुछ ऐसी लड़कियां हैं, जो कि सांप के जहर के नशे की आदी थी. खुद को सांपों से डसवाती थी.

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