न्यूज डेस्क। लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. चुनाव के बीच नेताओं के दलबदल का सिलसिला जारी है. इस बीच सीधी की कांग्रेस नेता काजल वर्मा (Kajal Verma) ने भाजपा को बड़ा झटका दिया है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के सामने बीजेपी (BJP) में शामिल होने वाली काजल वर्मा का 48 घंटों में ही पार्टी से मोहभंग हो गया और उन्होंने बीजेपी का दामन छोड़ दिया है. कांग्रेस में घर वापसी कर काजल वर्मा ने कहा कि वे कांग्रेस से बनी हैं और कांग्रेस में ही रहेंगी.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 6 अप्रैल को सीधी में भाजपा के प्रत्याशी डॉक्टर राजेश मिश्रा के पक्ष में चुनाव प्रचार करने आए हुए थे. इस दौरान सीधी नगर पालिका की अध्यक्ष काजल वर्मा ने कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली थी ,जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया में खूब वायरल हुई थी. 6 अप्रैल को भाजपा में शामिल होकर चर्चा में आईं सीधी की नगर पालिका अध्यक्ष काजल वर्मा जब 2 दिन बाद वापस कांग्रेस में शामिल हुईं तो हर कोई हैरान रह गया.
कौन हैं काजल वर्मा?
कांग्रेस नेता काजल वर्मा सीधी से नगर पालिका अध्यक्ष हैं. गौरतलब है कि काजल वर्मा के बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेसी पार्षद मुखर हो गए थे और उन्होंने नगर पालिका की प्रेसिडेंट इन काउंसिल सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया था. सीधी नगर पालिका परिषद में कांग्रेसी पार्षदों की संख्या ज्यादा होने के कारण कांग्रेस की काजल वर्मा अध्यक्ष चुनी गई थी, लेकिन पार्षदों का इस्तीफा देने के बाद उनके अल्पमत में आने की संभावना जताई जा रही थी.
कांग्रेस से बनी थी और कांग्रेस में रहूंगी
भाजपा में शामिल होने के बाद काजल वर्मा कांग्रेस के जिला कार्यालय पहुंची. उन्होंने अपने ससुर अधिवक्ता और कांग्रेस नेता विनोद वर्मा के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस की. काजल वर्मा ने कहा, “मैं वहां गई थी तो मुझे पता नहीं था कि मैं कहां जा रही हूं. मैं कांग्रेस पार्षदों के समर्थन से अध्यक्ष बनी हूं और कांग्रेस में रहूंगी.” काजल वर्मा के इस बयान से भाजपाइयों के साथ-साथ कांग्रेसी भी हैरान हैं.