0 वरिष्ठ कैंसर चिकित्सक डॉ.रवि ने कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों से बचने तथा इस हेतु मरीज द्वारा ली जाने वाली डाईट व पूरक आहारों पर दिए टिप्स
कोरबा। मध्य भारत के जाने माने वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ.रवि जायसवाल ने कैंसर के उपचार के दौरान की जाने वाली कीमोथेरेपी व उसके प्रतिकूल प्रभावों को कम करने, मरीज की दिनचर्या व खानपान आदि पर चर्चा करते हुए बताया कि कीमोथेरेपी न केवल कैंसर कोशिकाओं को मारती है, बल्कि स्वस्थ सफेद रक्त कोशिकाओं को भी मारती है, जिससे मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जो विभिन्न दुष्प्रभावों के लिए जिम्मेदार है। कीमोथेरेपी के दौरान पौष्टिक और संतुलित भोजन ठीक होने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अतः मरीज को उच्च कैलोरी व प्रोटीनयुक्त आहार व अधिक से अधिक तरल पदार्थ के सेवन के साथ-साथ फल, सब्जी, साबुत अनाज व पौधे आधारित खाद्य पदार्थ को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए ताकि मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली में अपेक्षित वृद्धि हो तथा कीमोथेरेपी से होने वाले प्रतिकूल प्रभावों का सामना वह आसानी से कर सके तथा जल्द से जल्द स्वस्थ होकर कैंसर पर विजय प्राप्त कर सके।
अपनी कैलोरी बढ़ाएँ
ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ.रवि जायसवाल ने अपने सुझाव देते हुए कहा है कि कैलोरी मरीज के शरीर को स्वस्थ होने के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करती है। कैलोरी के अपर्याप्त सेवन से मरीज को कमजोरी, थकान, ताकत में कमी के साथ-साथ उपचार के दुष्प्रभावों से रिकवरी होने में देरी होती है। वहीं उल्टी होने और कम तरल पदार्थ के सेवन के कारण निर्जलीकरण के दुष्प्रभाव भी बढ सकते हैं। अतः मरीज को उच्च कैलोरी व गुणवत्तायुक्त भोजन तथा तरल पदार्थो का अधिकाधिक सेवन करना आवश्यक है। डॉ.रवि ने सुझाव देते हुए बताया कि – 1. मरीज को दिन में समय-समय पर कई बार हेल्दी स्नेक्स ग्रहण करना चाहिए। 2. दिन में किसी भी समय अपना पसंदीदा खाना खाएं। 3. हर घंटे कुछ न कुछ पौष्टिक चीजें खाते रहें, भूख लगने का इंतजार न करें। 4. उच्च कैलोरी और उच्च प्रोटीन वाले पेय पदार्थ पीना चाहिए- जैसे कि मिल्कशेक और तरल अनुपूरक पदार्थ। 5. भोजन के समय तृप्ति की भावना को कम करने के लिए भोजन के दौरान के बजाय भोजन के बाद में तरल पदार्थ पिएं। 6. घर का बना या व्यावसायिक रूप से तैयार पोषण आहार आज़माएं। 7. साधारण व्यायाम या स्ट्रेचिंग करें ताकि भूख बढे़ तथा मरीज को खाने की इच्छा हो।
प्रोटीन और पौधे आधारित खाद्य पदार्थों का सेवन करें
डॉ. रवि जायसवाल बताते हैं कि प्रोटीन मरीज के शरीर को ठीक करते हैं और मांसपेशियों को बनाए रखते हैं। प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं बीन्स, डेयरी, अंडे, दालें, चिकन और मछली, मांस, नट्स, नट बटर और बीज। इसके अतिरिक्त, फलों, सब्जियों और साबुत अनाज जैसे पौधों के खाद्य पदार्थों को शामिल करने से प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिल सकता है।
परहेज करने योग्य खाद्य पदार्थ
यदि आपके मुंह में छाले हैं तो अम्लीय या मसालेदार भोजन से बचें। यदि आपको मतली महसूस होती है तो उच्च वसा या शर्करा वाले खाद्य पदार्थों और पेय से बचें।
विचार करने योग्य खाद्य पदार्थ
ऐसे खाद्य पदार्थ जो स्वाद में हल्के, पेट के लिए आसान और पोषक तत्वों से भरपूर हों, सबसे अच्छे विकल्प हैं। दलिया, अंडा, सूप, बादाम, ब्रोकोली, पत्तागोभी, घर पर बनी सब्जी, फल स्मूदी और मछली को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
क्या मैं कैंसर के इलाज के दौरान चीनी और दूध से बने उत्पाद खा सकता हूँ?
इस प्रश्न का जवाब देते हुए डॉ.रवि जायसवाल ने कहा कि मरीज को अपने आहार से चीनी और दूध उत्पादों को पूरी तरह से बाहर करने की ज़रूरत नहीं है। यह एक मिथक है कि चीनी और दूध से बने उत्पाद कैंसर का कारण बनते हैं।